Induction Motor: क्या होता है, कैसे काम करती है और इसे कहां इस्तेमाल किया जाता है?

Induction motor एक AC (अल्टरनेटिंग करंट) मोटर होता है, जिसमें टॉर्क इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन के माध्यम से उत्पन्न होता है। इसमें स्टेटर, जो मोटर का स्थिर हिस्सा होता है, AC करंट से एक घूमता हुआ चुंबकीय क्षेत्र बनाता है। यह चुंबकीय क्षेत्र रोटर में करंट उत्पन्न करता है, जिससे रोटर घूमने लगता है। इस प्रक्रिया के दौरान स्टेटर के घूमते चुंबकीय क्षेत्र और रोटर के बीच इंडक्शन के जरिए टॉर्क उत्पन्न होता है, जो मोटर को घुमाने का काम करता है।

Induction Motor क्या होता है?

इंडक्शन मोटर एक AC (अल्टरनेटिंग करंट) से चलने वाली विद्युत मोटर होती है। इसमें एक चुंबकीय क्षेत्र बनता है, जो घूमता है और मोटर को चलाने का काम करता है। इसके तीन मुख्य हिस्से होते हैं: रोटर, स्टेटर, और कॉइल्स (coil)। ये कॉइल्स विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदलते हैं, जिससे मशीन या उपकरण चल सके।

AC इंडक्शन मोटर को खास इसलिए माना जाता है क्योंकि यह बहुत प्रभावी होती है, इसका डिज़ाइन सरल होता है, और यह लगभग किसी भी बिजली के उपकरण की ज़रूरत को पूरा कर सकती है।

स्टेटर एक बाहरी, स्थिर (नहीं घूमने वाला) कक्ष होता है, जिसमें रोटर घूमता है। यह एक सिलेंडर के आकार में बने विद्युतचुंबकों की रिंग से बना होता है, जो एक घूर्णनशील चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है। सिलेंडर के अंदर तांबे की तारें लिपटी होती हैं, जो चुंबकीय ध्रुव बनाती हैं, और प्रत्येक चुंबक का एक ध्रुव केंद्र की ओर होता है।

जब इन तारों में अल्टरनेटिंग करंट (AC) प्रवाहित होता है, तो यह वैकल्पिक चुंबकीय ध्रुव (alternating magnetic field) बनाता है। ये वैकल्पिक ध्रुव एक ऐसा चुंबकीय क्षेत्र बनाते हैं, जो समान रूप से घूमता है और मोटर को घूर्णन शक्ति प्रदान करता है।

रोटर भी एक सिलेंडर के चारों ओर व्यवस्थित विद्युतचुंबकों के समूह से बना होता है, और यह स्टेटर के अंदर स्थित होता है। रोटर के भीतर सक्रिय चुंबकीय क्षेत्र, स्टेटर द्वारा उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र की ओर आकर्षित होते हैं। 

इसलिए, स्टेटर में उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र रोटर में भी चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है। यह चुंबकीय आकर्षण रोटर को घुमाने का कारण बनता है, जिससे मोटर चलती है।

Induction Motor कितने प्रकार का होता है?

इंडक्शन मोटर को मुख्य रूप से दो प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है: सिंगल-फेज और थ्री-फेज इंडक्शन मोटर। इसके अलावा, इन्हें शुरू करने के तरीके के आधार पर भी अलग-अलग किया जाता है, क्योंकि हर मोटर को चालू करने का अपना एक तरीका होता है।

सिंगल-फेज इंडक्शन मोटर

सिंगल-फेज इंडक्शन मोटर एक ऐसा मोटर होता है जो खुद से चालू नहीं होता। इसमें सिंगल-फेज एसी करंट लगाया जाता है, जो एक चुंबकीय क्षेत्र बनाता है, लेकिन इसे चालू करने के लिए कुछ अतिरिक्त मदद की जरूरत होती है।

सिंगल-फेज इंडक्शन मोटर के चार मुख्य प्रकार होते हैं:–

  1. स्प्लिट (split) फेज इंडक्शन मोटर – आमतौर पर छोटे उपकरणों में उपयोग होती है।
  2. कैपेसिटर-स्टार्ट इंडक्शन मोटर – जहां अधिक टॉर्क की जरूरत होती है, वहां इसका उपयोग किया जाता है।
  3. कैपेसिटर-रन इंडक्शन मोटर – यह मोटर चालू होने के बाद लगातार कैपेसिटर के साथ काम करती है।
  4. शेडेड पोल इंडक्शन मोटर – छोटे उपकरणों, जैसे पंखों और घड़ियों में इस्तेमाल होती है।

थ्री-फेज इंडक्शन मोटर (3-Phase Induction Motor)

3-फेज इंडक्शन मोटर खुद से चालू हो जाती है, इसलिए इसे सिंगल-फेज मोटर की तरह किसी अलग से स्टार्टिंग डिवाइस की जरूरत नहीं होती। तीन-फेज सिस्टम में तीन तारों से एक जैसा वोल्टेज मिलता है, लेकिन हर फेज अलग-अलग समय पर बढ़ता है। थ्री-फेज इंडक्शन मोटर बिजली की ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदल देती है।

थ्री-फेज इंडक्शन मोटर के दो मुख्य प्रकार होते हैं:–

  1. स्क्विरल केज मोटर - यह सबसे सामान्य और सरल डिज़ाइन की मोटर होती है, जो कम देखभाल की जरूरत के कारण ज्यादातर उद्योगों में उपयोग होती है।
  2. स्लिप रिंग मोटर - यह मोटर तब उपयोग होती है जब अधिक टॉर्क की जरूरत होती है और जहां गति को आसानी से नियंत्रित करना होता है।

इंडक्शन मोटर किस आधार पर काम करता है? (How does Induction Motor work)

इंडक्शन मोटर का काम या संचालन Faraday’s के विद्युतचुंबकीय इंडक्शन के नियम और लेन्ज के नियम पर आधारित होता है। इसे आसान शब्दों में समझने के लिए इसे स्टेप-बाय-स्टेप तरीके से देख सकते हैं:

  1. AC सप्लाई और स्टेटर में रोटेटिंग मैग्नेटिक फील्ड (RMF): जब स्टेटर वाइंडिंग्स पर AC वोल्टेज लगाया जाता है, तो यह एक घूमता हुआ चुंबकीय क्षेत्र (रोटेटिंग मैग्नेटिक फील्ड) बनाता है। यह चुंबकीय क्षेत्र एक निश्चित गति (Ns) से घूमता है, जो AC सप्लाई की आवृत्ति और मोटर के पोल की संख्या पर निर्भर करती है।
  2. रोटर में प्रेरण (Induction): यह घूमता चुंबकीय क्षेत्र एयर गैप (air gap) को पार करके रोटर के कंडक्टर्स से होकर गुजरता है। faraday’s के नियम के अनुसार, यह रोटर के कंडक्टर्स में इलेक्ट्रोमोटिव फोर्स (EMF) उत्पन्न करता है। चूंकि रोटर एक बंद सर्किट है, इसलिए इसमें करंट प्रेरित (induced) होता है।
  3. टॉर्क का उत्पादन: रोटर में उत्पन्न करंट अपना एक चुंबकीय क्षेत्र बनाता है, जो स्टेटर के घूमते हुए चुंबकीय क्षेत्र से इंटरैक्ट करता है। लेन्ज के नियम के अनुसार, रोटर इस घूमते चुंबकीय क्षेत्र की दिशा में घूमना शुरू करता है ताकि रोटर और चुंबकीय क्षेत्र के बीच का सापेक्ष गति कम हो सके। इस प्रक्रिया से टॉर्क उत्पन्न होता है, जिससे रोटर घूमने लगता है।
  4. असिंक्रोनस संचालन: रोटर कभी भी सिंक्रोनस गति (स्टेटर के घूमते चुंबकीय क्षेत्र की गति) तक नहीं पहुंचता क्योंकि यदि ऐसा हो जाए तो रोटर और चुंबकीय क्षेत्र के बीच कोई सापेक्ष गति नहीं बचेगी। इससे रोटर में EMF या करंट उत्पन्न नहीं होगा। इस गति के अंतर को "स्लिप" कहा जाता है।

इस तरह से मोटर में रोटर स्टेटर के घूमते चुंबकीय क्षेत्र के साथ घूमना शुरू कर देता है और इसी आधार पर induction motor काम करने लगता है।

इंडक्शन मोटर का इस्तेमाल कहां किया जाता है? (Use of Induction Motor in Hindi)

जैसा कि हमने पहले ही बता दिया है की इंडक्शन मोटर को दो प्रकारों में बांटा गया है। यहां हम इन दोनों इंडक्शन मोटरों का उपयोग कहां किया जाता है इस पर बात करेंगे।

सिंगल फेज इंडक्शन मोटर का इस्तेमाल

देखिए, सिंगल-फेज मोटर का इस्तेमाल उन जगहों पर होता है जहाँ हमें बहुत ज्यादा बिजली की जरूरत नहीं होती। जैसे, जब आप अपने घर में पंखा चलाते हैं या वैक्यूम क्लीनर इस्तेमाल करते हैं, तो उसमें सिंगल-फेज मोटर लगी होती है। यही मोटर आपके पानी के पंप, मिक्सर और खिलौनों में भी होती है। ये मोटर इसलिए ज्यादा इस्तेमाल होती है क्योंकि ये सस्ती होती है और छोटे-मोटे कामों के लिए काफी अच्छी होती है। Ex-

  • पंप्स - पानी के पंप और अन्य छोटे पंपों में।
  • कंप्रेसर्स - छोटे कंप्रेसर उपकरणों में।
  • मिक्सर्स - खाना बनाने और अन्य छोटे मिक्सर उपकरणों में।
  • ड्रिलिंग मशीनें - छोटे घरेलू और औद्योगिक ड्रिलिंग कार्यों में।
  • खिलौने - बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रॉनिक खिलौनों में।
  • हाई-स्पीड वैक्यूम क्लीनर - घरेलू सफाई के उपकरणों में।
  • फैंस - छोटे पंखों और वेंटिलेशन फैंस में।

इस तरह, single phase induction motor छोटे उपकरणों और कम बिजली वाले कामों के लिए एक अच्छा विकल्प है।

3-फेज इंडक्शन मोटर का इस्तेमाल (Use of Three Phase Induction Motor)

जब आपको बड़ी-बड़ी मशीनें चलाने के लिए ज्यादा power चाहिए होता है, तब तीन-फेज मोटर का इस्तेमाल होता है। इसे आप लिफ्ट, क्रेन, बड़े एग्जॉस्ट फैन, लेथ मशीन, या तेल निकालने वाली मिलों में देख सकते हैं। ये मोटर बड़ी फैक्ट्रियों, भारी उपकरणों और यहां तक कि commercial इलेक्ट्रिक गाड़ियों में भी इस्तेमाल होती हैं।

तीन-फेज मोटर खासतौर पर उन कामों के लिए बेहतर होती है जहां ज्यादा पावर और निरंतरता की जरूरत होती है, जैसे कि उद्योगों और बड़े व्यवसायों में।

आपने पूछा, हमने जवाब दिया (You Asked, We Answered)

प्रश्न: इंडक्शन मोटर क्या है?

उत्तर: ये एक प्रकार की AC (अल्टरनेटिंग करंट) इलेक्ट्रिक मोटर है, जिसमें टॉर्क उत्पन्न करने का काम इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन के माध्यम से होता है। इसमें स्टेटर के घूमते हुए चुंबकीय क्षेत्र से रोटर में करंट उत्पन्न होता है, जो रोटर को घुमाने का काम करता है। इंडक्शन मोटर का मुख्य उपयोग औद्योगिक और घरेलू उपकरणों में किया जाता है, जैसे कि पंखे, एयर कंडीशनर, और पंप्स। यह मोटर सरल, टिकाऊ और कम रखरखाव वाली होती है, इसलिए इसे बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है।

प्रश्न: इंडक्शन मोटर का सिद्धांत क्या है?

उत्तर: इंडक्शन मोटर का सिद्धांत इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन पर आधारित होता है। जब स्टेटर में 3-फेज़ AC सप्लाई दी जाती है, तो यह एक घूमता हुआ चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है। यह चुंबकीय क्षेत्र रोटर के आसपास से गुजरता है, जिससे रोटर में करंट उत्पन्न होता है। यह करंट रोटर में एक चुंबकीय क्षेत्र पैदा करता है, और स्टेटर के चुंबकीय क्षेत्र के साथ इंटरैक्शन के कारण रोटर में टॉर्क उत्पन्न होता है, जिससे रोटर घूमने लगता है। इस प्रक्रिया को बिना किसी बाहरी संपर्क के पूरा किया जाता है, जो इसे इंडक्शन मोटर का मुख्य सिद्धांत बनाता है।

प्रश्न: इंडक्शन मोटर का मुख्य उपयोग क्या है?

उत्तर: इंडक्शन मोटर का मुख्य उपयोग उन उपकरणों में होता है जहाँ निरंतर गति और उच्च दक्षता की आवश्यकता होती है। इसका व्यापक रूप से घरेलू उपकरणों जैसे पंखे, एयर कंडीशनर, और रेफ्रिजरेटर में उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, यह औद्योगिक मशीनों जैसे पंप्स, कंप्रेसर, और कन्वेयर बेल्ट में भी इस्तेमाल होता है। इसकी सरल संरचना, टिकाऊपन और कम मेंटेनेंस की आवश्यकता के कारण, यह मोटर विभिन्न प्रकार के मशीनरी और उपकरणों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

प्रश्न: Induction motor और normal motor में क्या अंतर है?

उत्तर: Induction motor और normal motor (जैसे DC मोटर) में मुख्य अंतर उनकी कार्यप्रणाली और पावर सोर्स में होता है। इंडक्शन मोटर में रोटर को चलाने के लिए इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन का उपयोग किया जाता है, और इसमें AC (अल्टरनेटिंग करंट) सप्लाई दी जाती है। इसमें रोटर और स्टेटर के बीच कोई सीधा विद्युत संपर्क नहीं होता है।

वहीं, एक normal motor (जैसे DC मोटर) में रोटर को सीधा करंट (DC) दिया जाता है, और यह मोटर करंट के प्रवाह से सीधे चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करके रोटर को घुमाती है। DC मोटर में रोटर और स्टेटर के बीच ब्रश और कॉम्यूटेटर का उपयोग होता है, जबकि इंडक्शन मोटर में यह व्यवस्था नहीं होती।

इंडक्शन मोटर कम मेंटेनेंस और अधिक टिकाऊ होती है, जबकि सामान्य मोटर में रखरखाव की आवश्यकता अधिक होती है।


इस कंटेंट को पूरा पढ़ने के बाद अब आप “induction motor kya hota hai, कैसे काम करती है और इसे कहां इस्तेमाल किया जाता है” के बारे में अच्छे से जान गए होंगे। अगर आपके पास कोई और सवाल है या किसी टॉपिक पर पोस्ट चाहिए, तो कमेंट में जरुर बताएं।

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