AC और DC करंट में क्या अंतर है? उदाहरण के साथ हिंदी में

बिजली के बिना हमारी जिंदगी अधूरी है। लेकिन बिजली के भी दो रूप होते हैं — AC (Alternating Current) और DC (Direct Current)। दोनों की खासियत, काम करने का तरीका और इस्तेमाल अलग-अलग होते हैं।

हम एक-एक करके दोनों करंट को गहराई से समझेंगे और फिर उनके बीच का पूरा अंतर जानेंगे।

AC (प्रत्यावर्ती धारा)

AC यानी Alternating Current वह धारा है, जो अपनी दिशा लगातार बदलती रहती है — कभी आगे, कभी पीछे।

उदाहरण के लिए, अगर आपने पंखा चालू किया है, तो उसमें जो बिजली जा रही है, वह AC करंट है। वह हर सेकंड 50 बार आगे-पीछे होती है (इसे 50 Hz आवृत्ति कहते हैं)।

AC की मुख्य विशेषताएं:

  1. दिशा बदलती रहती है:
    • भारत में AC करंट एक सेकंड में 50 बार अपनी दिशा बदलता है।
    • इसका ग्राफ साइन वेव (Sine Wave) जैसा दिखता है — ऊपर-नीचे जाता रहता है।
  2. लंबी दूरी तक आसानी से सप्लाई:
    • AC को ट्रांसफार्मर की मदद से हाई वोल्टेज में बदला जा सकता है, जिससे यह बहुत लंबी दूरी तक कम नुकसान (Power Loss) के साथ पहुंचाया जा सकता है।
    • उदाहरण: बिजली घर (Power Station) से आपके घर तक जो बिजली आती है, वह AC ही होती है।
  3. स्टोर नहीं किया जा सकता:
    • AC को बैटरी या सेल में स्टोर नहीं किया जा सकता। इसे पहले DC में बदलना पड़ता है (Rectifier की मदद से)।
    • Inverter इसी प्रक्रिया का उल्टा काम करता है — वह DC को फिर से AC में बदल देता है।
  4. सस्ते में उत्पादन:
    • AC करंट को जेनरेटर (Alternator) से आसानी से और सस्ते में बनाया जा सकता है, इसलिए ज्यादातर घरों और फैक्ट्रियों में AC सप्लाई का ही इस्तेमाल होता है।
  5. स्रोत:
    • AC करंट कहां से मिलता है?
      • जेनरेटर (Generator)
      • पावर स्टेशन
      • ट्रांसफार्मर

DC (दृष्ट धारा)

DC यानी Direct Current एक सीधी धारा है, जो हमेशा एक ही दिशा में बहती है — कभी पीछे मुड़कर नहीं देखती!

उदाहरण के लिए, मोबाइल चार्जर, बैटरी, सोलर पैनल — ये सभी DC करंट पर काम करते हैं।

DC की मुख्य विशेषताएं:

  1. दिशा एकदम सीधी:
    • DC करंट हमेशा एक ही दिशा में बहता है, यानी Positive से Negative तक।
    • इसका ग्राफ सीधी लाइन की तरह होता है — न ऊपर, न नीचे।
  2. बैटरी में स्टोर किया जा सकता है:
    • DC करंट को बैटरी में स्टोर कर सकते हैं। यही वजह है कि आपके मोबाइल, लैपटॉप और इन्वर्टर में DC स्टोर होता है।
  3. लंबी दूरी पर कमजोर:
    • DC करंट को लंबी दूरी तक भेजना मुश्किल होता है, क्योंकि इसमें ज्यादा ऊर्जा की खपत (Loss) हो जाती है।
    • इस वजह से DC ज्यादातर छोटे डिवाइस और इलेक्ट्रॉनिक्स में ही इस्तेमाल होता है।
  4. उत्पादन महंगा:
    • DC करंट बनाना थोड़ा महंगा होता है, इसलिए बिजली कंपनियां AC बनाकर भेजती हैं, फिर घरों में इन्वर्टर उसे DC में बदलकर स्टोर करता है।
  5. स्रोत:
    • DC करंट कहां से मिलता है?
      • बैटरी
      • सेल
      • डायनामो
      • सोलर पैनल

AC और DC के बीच पूरा अंतर (Detailed Comparison)

विशेषता AC (प्रत्यावर्ती धारा) DC (दृष्ट धारा)
दिशा बार-बार बदलती रहती है हमेशा एक ही दिशा में बहती है
आवृत्ति (Frequency) भारत में 50 Hz 0 Hz (कोई बदलाव नहीं)
वोल्टेज ऊपर-नीचे होता रहता है स्थिर रहता है
स्टोरेज स्टोर नहीं कर सकते बैटरी में स्टोर कर सकते हैं
लंबी दूरी सप्लाई आसानी से भेजा जा सकता है ज्यादा दूरी तक भेजना मुश्किल है
खर्च सस्ता महंगा
उदाहरण घर की बिजली, फ्रीज, पंखा मोबाइल, लैपटॉप, बैटरी से चलने वाले डिवाइस
स्रोत जेनरेटर, ट्रांसफार्मर बैटरी, सेल, सोलर पैनल

अंत में...

AC और DC दोनों अपनी-अपनी जगह पर बेहद जरूरी हैं:—

  • AC लंबी दूरी तक बिजली पहुंचाने और बड़े-बड़े इलेक्ट्रिकल अप्लायंसेज (पंखा, फ्रिज, कूलर, टीवी) चलाने के लिए बेहतर है।
  • DC बैटरी वाले छोटे डिवाइस (मोबाइल, लैपटॉप, कार बैटरी, LED लाइट्स) के लिए जरूरी है।
  • यदि पानी में सप्लाई (supply) के दो तार जोड़ दिए जाए तो तार के बगल में बुलबुले बनते हैं, जिससे पता चलता है कि वह DC Current है।
  • यदि बिना बुलबुले बने पानी गर्म हो रहा है तो वह AC supply है।

👉 इंटरव्यू टिप: अगर आपसे पूछा जाए — 

➜ Inverter कैसे काम करता है?

 तो जवाब होगा — "Inverter के अंदर Rectifier होता है, जो AC को DC में बदलता है (चार्जिंग के लिए), और जब लाइट जाती है, तब DC को फिर से AC में बदलकर सप्लाई देता है।"

➜ AC से चलने वाला बल्ब एक सेकंड में कितने बार ऑन-ऑफ होता है?

 AC से चलने वाला बल्ब एक सेकंड (1 sec) में 50 बार on & off होता है।

➜ भारत एवं अन्य देशों में AC का कितना Hz फ्रीक्वेंसी होता है?

 भारत में AC का फ्रीक्वेंसी 50Hz एवं अन्य देशों में 25 Hz से 60 Hz तक होता है।

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