ट्रांसफार्मर क्या है और कैसे काम करता है?
ट्रांसफार्मर क्या है?
ट्रांसफार्मर एक बिजली से चलने वाली मशीन है, जो वोल्टेज (Voltage) को बढ़ाने या घटाने का काम करता है, लेकिन आवृत्ति (Frequency) को बिल्कुल नहीं बदलता।
आसान शब्दों में समझें:
- अगर हमें ज्यादा वोल्टेज चाहिए, तो स्टेप-अप ट्रांसफार्मर का इस्तेमाल किया जाता है।
- अगर हमें कम वोल्टेज चाहिए, तो स्टेप-डाउन ट्रांसफार्मर लगाया जाता है।
ट्रांसफार्मर कितने प्रकार के होते हैं?
ट्रांसफार्मर कई प्रकार के होते हैं, जिन्हें काम, डिजाइन, और उपयोग के आधार पर बांटा जाता है। चलिए इन्हें विस्तार से समझते हैं: —
वोल्टेज के आधार पर ट्रांसफार्मर:
① स्टेप-अप ट्रांसफार्मर (Step-Up Transformer)
- यह लो वोल्टेज इनपुट को हाई वोल्टेज आउटपुट में बदलता है।
- इसे पावर स्टेशन में लगाया जाता है, ताकि बिजली को लंबी दूरी तक आसानी से कम नुकसान के साथ भेजा जा सके।
② स्टेप-डाउन ट्रांसफार्मर (Step-Down Transformer)
- यह हाई वोल्टेज इनपुट को लो वोल्टेज आउटपुट में बदल देता है।
- इसका उपयोग हमारे घरों, दुकानों और फैक्ट्रियों में किया जाता है, ताकि बिजली के उपकरण सुरक्षित रहें।
कोर डिज़ाइन के आधार पर ट्रांसफार्मर:
① कोर टाइप ट्रांसफार्मर (Core Type Transformer) – इसमें वाइंडिंग (तार का लपेटा हुआ हिस्सा) को आयरन कोर के चारों ओर लपेटा जाता है, जिससे ऊर्जा ट्रांसफर होता है।
② शेल टाइप ट्रांसफार्मर (Shell Type Transformer) – इसमें वाइंडिंग को कोर के अंदर लपेटा जाता है, जिससे चुंबकीय प्रवाह (Magnetic Flux) ज्यादा अच्छा बनता है और पावर लॉस कम होता है।
फेज के आधार पर ट्रांसफार्मर:
① सिंगल फेज ट्रांसफार्मर (Single Phase Transformer) – यह एक फेज वाली बिजली पर काम करता है। छोटे घरेलू उपकरणों में इसका इस्तेमाल किया जाता है।
② थ्री फेज ट्रांसफार्मर (Three Phase Transformer) – यह तीन फेज वाली बिजली सप्लाई करता है। इसे बड़े कारखानों, उद्योगों, और भारी मशीनों के लिए उपयोग किया जाता है।
उपयोग के आधार पर ट्रांसफार्मर:
① पावर ट्रांसफार्मर (Power Transformer) – हाई वोल्टेज वाली जगहों पर, जैसे पावर स्टेशन में लगाया जाता है।
② डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर (Distribution Transformer) – लो वोल्टेज सप्लाई के लिए घरों और दुकानों में लगाया जाता है।
③ इंस्ट्रूमेंट ट्रांसफार्मर (Instrument Transformer) – मापने और सुरक्षा के लिए उपयोग होता है:
④ करंट ट्रांसफार्मर (Current Transformer) – करंट को मापने और ओवरलोड से बचाव के लिए।
⑤ वोल्टेज ट्रांसफार्मर (Potential Transformer) – वोल्टेज मापने और नियंत्रण के लिए।
कुछ खास प्रकार के ट्रांसफार्मर:
① ऑटो ट्रांसफार्मर (Auto Transformer) – इसमें एक ही वाइंडिंग होती है, जो प्राइमरी और सेकेंडरी दोनों का काम करती है। यह सामान्य ट्रांसफार्मर से छोटा और किफायती होता है।
② आइसोलेशन ट्रांसफार्मर (Isolation Transformer) – यह इनपुट और आउटपुट के बीच संपर्क काट देता है, जिससे इलेक्ट्रिक शॉक से बचाव होता है।
③ फर्नेस ट्रांसफार्मर (Furnace Transformer) – औद्योगिक भट्टियों (Furnace) में हाई करंट सप्लाई के लिए लगाया जाता है।
④ वोल्टेज रेगुलेटिंग ट्रांसफार्मर (Voltage Regulating Transformer) – यह वोल्टेज को स्थिर (Constant) रखता है, ताकि बिजली की गुणवत्ता सही बनी रहे।
ट्रांसफार्मर कैसे काम करता है?
ट्रांसफार्मर "मैग्नेटिक इंडक्शन" के नियम पर काम करता है। जब प्राइमरी वाइंडिंग में AC करंट बहता है, तो वह एक चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic Field) बनाता है, जिससे सेकेंडरी वाइंडिंग में करंट पैदा होता है।
आसान शब्दों में:—
- प्राइमरी वाइंडिंग — इसमें बिजली दी जाती है।
- सेकेंडरी वाइंडिंग — इसमें बिजली मिलती है।
- ज्यादा तार लपेटे गए हैं, तो वोल्टेज बढ़ता है (स्टेप-अप ट्रांसफार्मर)।
- कम तार लपेटे गए हैं, तो वोल्टेज घटता है (स्टेप-डाउन ट्रांसफार्मर)।
ट्रांसफार्मर के मुख्य भाग
कोर (Core) – लोहे का बना होता है, जो चुंबकीय क्षेत्र को सही दिशा में ले जाता है।
वाइंडिंग (Winding) – तांबे के तारों से बनी होती है, जिसमें बिजली बहती है।
ऑयल (Oil) – ट्रांसफार्मर को ठंडा रखने और शॉर्ट सर्किट से बचाने के लिए डाला जाता है।
इन्सुलेशन (Insulation) – बिजली के झटके से बचाने के लिए लगाया जाता है।
आपने पूछा, हमने जवाब दिया (FAQs)
1. ट्रांसफार्मर सिर्फ एसी करंट पर ही क्यों चलता है?
डीसी करंट में चुंबकीय क्षेत्र नहीं बदलता, इसलिए ट्रांसफार्मर काम नहीं कर पाता।
2. ट्रांसफार्मर में तेल क्यों भरा जाता है?
इसे ठंडा रखने और आंतरिक हिस्सों को सुरक्षित रखने के लिए।
3. ट्रांसफार्मर का जीवनकाल कितना होता है?
सही देखभाल से 25-40 साल तक चल सकता है।
4. क्या ट्रांसफार्मर से आवाज आना सामान्य है?
हल्की गुनगुनाहट नॉर्मल है, लेकिन ज्यादा आवाज आए तो चेक करवाना चाहिए।